श्री जी गऊ सेवा सोसाइटी, एक प्रतिष्ठित गैर-सरकारी संगठन है, जो बेसहारा, अनाथ और घायल गायों की देखभाल और संरक्षण के लिए समर्पित है। यह संस्था उन गायों को आश्रय, चिकित्सा और पोषण प्रदान करती है, जिन्हें उनके मालिकों ने छोड़ दिया है या जो गंभीर स्थितियों से बचाई गई हैं। यहां हम जानेंगे कि श्री जी गऊ सेवा सोसाइटी कैसे काम करती है और इसके विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
1. गायों का इलाज और देखभाल
श्री जी गऊ सेवा सोसाइटी ने अब तक 9000-10000 गायों का सफलतापूर्वक इलाज किया है। यह संस्था नियमित रूप से लगभग 100-125 गोवंशों का इलाज करती है, जिससे इन बेसहारा गायों को एक नया जीवन मिलता है। यहां आने वाली हर गाय को उचित चिकित्सा और देखभाल प्रदान की जाती है, जिससे उनका स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता बेहतर हो सके।
2. खाद्य प्रविधि
श्री जी गऊ सेवा सोसाइटी में हर दिन गायों को 2400-3200 किलोग्राम हरा चारा और लगभग 400 किलोग्राम सूखा चारा दिया जाता है। यह सुनिश्चित किया जाता है कि सभी गायों को पर्याप्त पोषण मिले, जिससे वे स्वस्थ और सशक्त रहें।
3. गौशाला का संचालन
श्री जी गऊ सेवा सोसाइटी में लगभग 60-80 सदस्य हैं, जो इस नेक काम में जुटे हुए हैं। ये सदस्य न केवल गायों की देखभाल करते हैं, बल्कि उनके आश्रय, भोजन और चिकित्सा की व्यवस्थाओं को भी संभालते हैं।
4. दान और कर छूट
श्री जी गऊ सेवा सोसाइटी दाताओं को कर छूट का लाभ प्रदान करती है। यह दाताओं को प्रेरित करता है कि वे अधिक से अधिक योगदान करें और इस पुण्य कार्य में अपना समर्थन दें।
5. बड़े इलाज और विशेष देखभाल
श्री जी गऊ सेवा सोसाइटी में अब तक 1000-1200 बड़े इलाज किए जा चुके हैं। यह संस्था विशेष देखभाल और उपचार की सुविधा भी प्रदान करती है, जिससे गंभीर स्थिति में आई गायों को बेहतर चिकित्सा मिल सके।
6. गायों का जन्म और पालन-पोषण
श्री जी गऊ सेवा सोसाइटी में अब तक 100-120 गायों का जन्म हुआ है। यह संस्था नवजात बछड़ों का विशेष ध्यान रखती है और उन्हें आवश्यक पोषण और देखभाल प्रदान करती है।
गौदान का महत्व
गौदान का भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व है। श्री जी गऊ सेवा सोसाइटी इस परंपरा को बनाए रखते हुए गायों की देखभाल और संतों की सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। गौदान का अर्थ है देसी गाय को संतों और आश्रमों को दान करना। इस दान की गई गाय का दूध जीवनभर संतों और तपस्वियों को पिलाया जाता है, और जब वह गाय बूढ़ी हो जाती है और दूध देना बंद कर देती है, तब उसे श्री जी गऊ सेवा सोसाइटी में शांतिपूर्वक रहने की सुविधा दी जाती है।
श्री जी गऊ सेवा सोसाइटी के साथ जुड़ें और गायों की सेवा में अपना समर्थन दें। 

श्री जी गऊ सेवा सोसाइटी, एक प्रतिष्ठित गैर-सरकारी संगठन है, जो बेसहारा, अनाथ और घायल गायों की देखभाल और संरक्षण के लिए समर्पित है। यह संस्था उन गायों को आश्रय, चिकित्सा और पोषण प्रदान करती है, जिन्हें उनके मालिकों ने छोड़ दिया है या जो गंभीर स्थितियों से बचाई गई हैं। यहां हम जानेंगे कि श्री जी गऊ सेवा सोसाइटी कैसे काम करती है और इसके विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
1. गायों का इलाज और देखभाल
श्री जी गऊ सेवा सोसाइटी ने अब तक 9000-10000 गायों का सफलतापूर्वक इलाज किया है। यह संस्था नियमित रूप से लगभग 100-125 गोवंशों का इलाज करती है, जिससे इन बेसहारा गायों को एक नया जीवन मिलता है। यहां आने वाली हर गाय को उचित चिकित्सा और देखभाल प्रदान की जाती है, जिससे उनका स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता बेहतर हो सके।
2. खाद्य प्रविधि
श्री जी गऊ सेवा सोसाइटी में हर दिन गायों को 2400-3200 किलोग्राम हरा चारा और लगभग 400 किलोग्राम सूखा चारा दिया जाता है। यह सुनिश्चित किया जाता है कि सभी गायों को पर्याप्त पोषण मिले, जिससे वे स्वस्थ और सशक्त रहें।
3. गौशाला का संचालन
श्री जी गऊ सेवा सोसाइटी में लगभग 60-80 सदस्य हैं, जो इस नेक काम में जुटे हुए हैं। ये सदस्य न केवल गायों की देखभाल करते हैं, बल्कि उनके आश्रय, भोजन और चिकित्सा की व्यवस्थाओं को भी संभालते हैं।
4. दान और कर छूट
श्री जी गऊ सेवा सोसाइटी दाताओं को कर छूट का लाभ प्रदान करती है। यह दाताओं को प्रेरित करता है कि वे अधिक से अधिक योगदान करें और इस पुण्य कार्य में अपना समर्थन दें।
5. बड़े इलाज और विशेष देखभाल
श्री जी गऊ सेवा सोसाइटी में अब तक 1000-1200 बड़े इलाज किए जा चुके हैं। यह संस्था विशेष देखभाल और उपचार की सुविधा भी प्रदान करती है, जिससे गंभीर स्थिति में आई गायों को बेहतर चिकित्सा मिल सके।
6. गायों का जन्म और पालन-पोषण
श्री जी गऊ सेवा सोसाइटी में अब तक 100-120 गायों का जन्म हुआ है। यह संस्था नवजात बछड़ों का विशेष ध्यान रखती है और उन्हें आवश्यक पोषण और देखभाल प्रदान करती है।
गौदान का महत्व
गौदान का भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व है। श्री जी गऊ सेवा सोसाइटी इस परंपरा को बनाए रखते हुए गायों की देखभाल और संतों की सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। गौदान का अर्थ है देसी गाय को संतों और आश्रमों को दान करना। इस दान की गई गाय का दूध जीवनभर संतों और तपस्वियों को पिलाया जाता है, और जब वह गाय बूढ़ी हो जाती है और दूध देना बंद कर देती है, तब उसे श्री जी गऊ सेवा सोसाइटी में शांतिपूर्वक रहने की सुविधा दी जाती है।
श्री जी गऊ सेवा सोसाइटी के साथ जुड़ें और गायों की सेवा में अपना समर्थन दें।

Share This:
admin
Related Posts
बरसात का मौसम जहाँ धरती के लिए जीवनदायी होता है, वहीं गौमाता के लिए कई…
In Indian culture, the cow is revered as a mother, a sacred symbol of compassion,…
जब बात गौ कल्याण की हो, तो Shree Ji Gau Seva Society, Ludhiana एक ऐसा…
Shree Ji Gau Sewa Society, located in the heart of Ludhiana, is home to 250+…
जब भी हम “गऊ माता” शब्द सुनते हैं, हमारे मन में श्रद्धा और सम्मान की…
भारत में गाय को माता का दर्जा दिया गया है। वह केवल एक पशु नहीं,…
According to the Skanda Purana, even showing respect to cows can remove past sins. Serving…
In a world where kindness knows no bounds, injured and abandoned cows often rely on…
अपनी श्रद्धा अनुसार गायों के लिए श्री जी गऊ सेवा सोसाइटी में दान करें और…
श्री जी गऊ सेवा सोसाइटी, बेसहारा और घायल गायों की देखभाल और संरक्षण के लिए…