Gau Mata Ki Sewa & Protection

भारत भूमि पर गाय को “माता” का स्थान दिया गया है। हमारे वेदों, पुराणों और उपनिषदों में गौमाता को सभी देवताओं का निवास स्थान कहा गया है। लेकिन आज के समय में कई बेसहारा, घायल और भूखी गायें सड़कों पर भटकती नज़र आती हैं।

ऐसे में श्रीजी गऊ सेवा सोसाइटी एक संकल्प लेकर आगे बढ़ी है — “हर गाय को भोजन, चिकित्सा और सम्मानपूर्ण जीवन देना।”

 हमारा उद्देश्य

श्रीजी गऊ सेवा सोसाइटी का मुख्य उद्देश्य उन गौमाताओं की रक्षा, सेवा और पालन-पोषण करना है जो घायल, बेसहारा या लाचार स्थिति में हैं। हम केवल गायों को आश्रय नहीं देते, बल्कि उन्हें परिवार की तरह अपनाते हैं — उन्हें स्वस्थ रखते हैं, समय पर चारा-पानी और उपचार प्रदान करते हैं।

गऊ सेवा क्यों आवश्यक है

गाय केवल दूध देने वाला पशु नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।
उसके गोबर और गोमूत्र से औषधीय, जैविक और धार्मिक उपयोग होते हैं।
गऊ सेवा से मन में करुणा जागती है, पापों का नाश होता है और ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है।

“गौमाता के बिना धर्म, संस्कृति और जीवन अधूरा है।”

आपका सहयोग – एक पुण्य अवसर

आप भी इस पवित्र अभियान का हिस्सा बन सकते हैं —

  • अन्नदान: भूखी गायों को भोजन उपलब्ध कराएं।
  • औषधि दान: घायल गौमाताओं के उपचार में मदद करें।
  • सेवा दान: समय देकर स्वयंसेवक के रूप में सेवा करें।
  • धन दान: गौशाला के संचालन और सुविधाओं के लिए योगदान दें।

हर एक सहयोग से एक गौमाता का जीवन बदल सकता है — और यही सच्चा धर्म है।

शास्त्रों में गौ सेवा का महत्व

“गावः सर्वस्य मातरः” — गायें सबकी माता हैं।
“गौ सेवा से घर में लक्ष्मी और जीवन में सुख का वास होता है।”

गौ सेवा केवल दान नहीं, यह आत्मा को शुद्ध करने का मार्ग है। जब हम किसी प्राणी के दुख को कम करते हैं, तो ब्रह्मांड हमें दुगना आशीर्वाद देता है।

आइए, मिलकर करुणा का दीप जलाएँ

आइए, हम सब मिलकर यह संकल्प लें —
कोई भी गौमाता भूखी या बेसहारा न रहे।
श्रीजी गऊ सेवा सोसाइटी के साथ जुड़ें और इस पुण्य कार्य में सहयोग दें।

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